लॉकडाउन (कोरोना वायरस) के कारण सरकार द्वारा आम जनता को मिलने वाले लाभ
नमस्कार दोस्तों,
मेरा यह ब्लॉग आपको COVID-19 (कोरोना वायरस) के कारण करदाताओं और सरकार द्वारा आम जनता को मिलने वाले लाभों के बारे में बताने से संबंधित है।
COVID-19 ने अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है। पीएम मोदी ने COVID-19 के प्रसार की जांच के लिए 14 अप्रैल 2020 तक 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की भी घोषणा की है।
दूसरी ओर, केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने व्यवसायों और आम जनता के लिए COVID -19 के कठिन समय से निपटने के लिए कुछ राहत की घोषणा की है।
ये कर दाताओं और आम जनता के लिए निम्नलिखित लाभ हैं:
आयकर संबंधित
- वित्त वर्ष 2018-19 (AY 2019-20) के लिए आयकर रिटर्न की बेल्ड / संशोधित फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है।
- आधार-पैन लिंकिंग की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है।
- विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाने की समय सीमा 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है। 10% अतिरिक्त शुल्क की छूट 31 मार्च 2020 की पूर्व समय सीमा के बजाय 30 जून 2020 तक जारी है।
- ब्याज 12% प्रतिवर्ष या 18% प्रतिवर्ष के बदले 9% प्रतिवर्ष की कम दर पर शुल्क लिया जाएगा जो 20 मार्च 2020 से 30 जून 2020 के बीच भुगतान किए गए ओर ध्यान दें कि निम्न आयकर कर के भुगतान / जमा में देरी की मयसीमा में कोई विस्तार नहीं किया गया है।
- एडवांस टैक्स
- स्रोत पर कर कटौती (TDS)
- स्रोत पर कर संग्रह (TCS)
- स्व-मूल्यांकन कर
- समान लेवी
- सुरक्षा लेनदेन कर (एसटीटी)
- कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (CTT)
- इस अवधि से संबंधित किसी भी विलंब के लिए कोई विलंब शुल्क / जुर्माना नहीं लिया जाएगा।
- वित्त वर्ष 2019-20 में, आय केवल 31 मार्च तक कर योग्य है और 30 जून तक नहीं है, अर्थात आय वित्तीय वर्ष की कर देयता के लिए केवल 31 मार्च तक माना जाता है। वित्तीय वर्ष का कोई विस्तार नहीं है।
- 30 जून तक ली गई नई एलआईसी (LIC) , मेडिक्लेम, पीपीएफ (PPF), एनपीएस (NPS) आदि नीतियां वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कटौती के लिए पात्र होंगी।
- करदाताओं को एक बड़ी राहत, सरकार धारा 80 सी, 80 डी और 80 जी के तहत 30 जून, 2020 तक कटौती का दावा कर रही है। इनकी अंतिम समय सीमा 31 मार्च, 2020 थी।
- 31 मार्च तक एलआईसी, मेडिक्लेम, पीपीएफ, एनपीएस आदि की पुरानी नीतियों के प्रीमियम का भुगतान 30 जून तक भुगतान किए जाने पर भी कटौती के रूप में दावा किया जा सकता है।
- हाउसिंग लोन का ब्याज एक आधार पर कटौती के लिए पात्र है, इसलिए 31 मार्च तक अर्जित ब्याज वित्त वर्ष 2019-20 में कटौती के लिए पात्र होगा। हालांकि, 31 मार्च तक देय किश्तों में कटौती का दावा किया जा सकता है, भले ही 30 जून तक भुगतान किया गया हो।
जीएसटी (माल और सेवा कर)
5 करोड़ रुपये तक के वार्षिक कुल कारोबार वाले करदाता:
- फरवरी 2020, मार्च 2020 और अप्रैल 2020 के लिए GSTR-3B भरने की नियत तारीखों को जून 2020 के अंतिम सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है।
- उनके लिए कोई विलंब शुल्क, ब्याज या जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
- कम ब्याज शुल्क को छोड़कर, फरवरी 2020, मार्च 2020 और अप्रैल 2020 के लिए GSTR-3B की देय तिथियां जून 2020 के अंतिम सप्ताह तक बढ़ गई हैं।
- कोई विलंब शुल्क या जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
- मूल देय तिथियों से 15 दिनों की देरी के बाद किए गए कोई भी कर भुगतान 18% प्रतिवर्ष के बजाय 9% प्रतिवर्ष पर कम ब्याज को आकर्षित करेगा। घटाया गया ब्याज शुल्क 20 मार्च 2020 से 30 जून 2020 के बीच किए गए कर भुगतान के लिए लागू होगा।
कम्पोजीशन स्कीम (Composite Scheme) के तहत पंजीकृत करदाता:
- वित्त वर्ष 2019-20 की अंतिम तिमाही के लिए CMP-08 में वक्तव्य-सह-चालान दाखिल करने की नियत तारीख, यानी जनवरी-मार्च 2020 को जून 2020 के अंतिम सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है।
- इसी तरह, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीएसटीआर -4 दाखिल करने की नियत तारीख 30 अप्रैल 2020 से बढ़ाकर जून 2020 के अंतिम सप्ताह कर दी गई है।
- वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कंपोजिशन स्कीम में शामिल होने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है।
वित्तीय और अन्य सेवाएँ
निम्नलिखित वित्तीय / बैंकिंग सेवाओं में तीन महीने तक की छूट दी गई है:
- डेबिट कार्डधारक किसी भी अन्य बैंकों के एटीएम से मुफ्त में नकदी निकाल सकते हैं
- न्यूनतम शेष शुल्क माफ कर दिया गया है।
- व्यापार वित्त उपभोक्ताओं से सभी डिजिटल व्यापार लेनदेन के लिए कम बैंक शुल्क लिया जाएगा।
- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वाणिज्यिक बैंकों और अन्य वित्तीय उधारदाताओं को अनुमति दी थी कि अगले तीन महीनों के लिए किसी भी ऋण उधारकर्ता के खाते से कोई ईएमआई नहीं काटा जाएगा।
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और पंजीकरण के कागजात जैसे दस्तावेजों को 30 जून तक वैध मानें। 1 फरवरी को समाप्त होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य मोटर वाहन दस्तावेज अब 30 जून तक वैध होंगे।
- इसके अलावा आम जनता के लिए और भी बहुत सी योजनायें और सेवायें सरकार द्वारा चलाई गयी हैं।
धन्यवाद और सादर
कुलविंदर कौर
बी.कॉम (एच), एमबीए (वित्त)
9871580806, 8826566751
rightsteptoinvest@gmail.com
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